नोएडा की क्लियो काउंटी के निवासियों ने सब्जी पहुंचाने वाली लड़की को बेटी मानकर धूमधाम से की शादी



नोएडा के सेक्टर-121 में स्तिथ क्लियो काउंटी (Cleo County) सोसाइटी के निवासियों के दिलो में कोविड-19 महामारी के कठिन दिनों की यादें आज भी ताजा हैं। लॉकडाउन के समय, जब लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे, तब 16 वर्षीय पूजा ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर समाज के लोगों की रसोई को भरने का काम किया। मास्क पहने पूजा रोजाना सोसाइटी में सब्जियां पहुंचाने आती थी। वह दरवाजे पर बैग रख, घंटी बजाती और अगले फ्लैट की ओर बढ़ जाती।

उसकी इस सेवा के कारण कई परिवारों को लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना पड़ा। खासकर बुजुर्ग निवासियों के लिए पूजा किसी देवदूत से कम नहीं थी।

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सामुदायिक प्रेम से संपन्न हुई पूजा की शादी

सोमवार को, उसी क्लियो काउंटी के क्लब हाउस में पूजा की शादी बड़े धूमधाम से संपन्न हुई। यह शादी निवासियों के सामूहिक प्रयास का नतीजा थी। उन्होंने शादी के आयोजन से लेकर पूजा की साड़ी, मेकअप, और उपहार तक का प्रबंध किया।

निवासी राकेश कुमार अरोड़ा ने कहा, “कोविड के कठिन दिनों में पूजा ने हमारी बहुत मदद की। वह हमारी बेटी जैसी बन गई थी। जब उसके माता-पिता ने अपनी परेशानी बताई, तो हमें लगा कि हमें कुछ करना चाहिए।”

रहवासियों ने दिल खोलकर किया योगदान

पूजा की शादी के लिए निवासियों ने दिल खोलकर योगदान दिया। किसी ने 1.2 लाख रुपये का योगदान दिया तो किसी ने फ्रिज, बर्तन और साड़ियां उपहार में दीं। 20 वर्षीय तन्वी चौहान ने पूजा का ब्राइडल मेकअप किया। तन्वी ने कहा, “मुझे इसे करने में दो घंटे लगे, लेकिन यह मेरे लिए खुशी का अनुभव था।”

पूरे आयोजन पर करीब 4 से 4.5 लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन निवासियों के लिए यह पैसे से बढ़कर पूजा के प्रति उनके आभार का प्रतीक था।

पूजा के लिए खास थी यह शादी

पूजा, जो अब अपनी शादी के बाद सरफाबाद में बस गई हैं, इस शादी को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा आशीर्वाद मानती हैं। उन्होंने कहा, “मैं अभिभूत हूं। सभी ने मुझे अपनी बेटी जैसा सम्मान दिया। कोविड के समय सब्जी पहुंचाना मेरा कर्तव्य था, लेकिन मेरी शादी के लिए जो किया गया, वह असाधारण था।”

निवासियों के लिए पूजा बनी प्रेरणा

पूजा की शादी ने यह साबित कर दिया कि एक समुदाय मिलकर किसी की जिंदगी बदल सकता है। क्लियो काउंटी के निवासियों के लिए यह सिर्फ एक शादी नहीं, बल्कि सेवा, सम्मान और सामुदायिक प्रेम का उत्सव था।

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