बिहार में किसानों की परेशानियां: सरकारी भ्रष्टाचार ने बिगाड़ी हालत, फाइलें रिश्वत के बिना रद्द
बिहार के किसानों के लिए सरकारी तंत्र में फैला भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या बन गया है। किसानों का कहना है कि उनकी फाइलें बिना रिश्वत दिए आगे नहीं बढ़तीं। हाल ही में रामचंद्र सिंह, निवासी मोतेशान, के मामले ने इस मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। रामचंद्र सिंह की फाइल रिश्वत न मिलने के कारण रद्द कर दी गई।
किसानों की शिकायतें
किसानों का आरोप है कि उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। अधिकारियों द्वारा हर बार घूस की मांग की जाती है। यदि किसान रिश्वत देने में असमर्थ होते हैं, तो उनकी फाइलें या तो रद्द कर दी जाती हैं या लंबित रख दी जाती हैं।
सरकार से की मांग
किसानों ने सरकार से अपील की है कि भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की जाए और किसानों को उनकी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ बिना किसी अड़चन के मिल सके। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
रामचंद्र सिंह का मामला
रामचंद्र सिंह के केस से जुड़ी जानकारी के अनुसार, 26 मई 2023 से 18 अगस्त 2023 तक इस मामले में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए। हालांकि, फाइल रद्द होने के पीछे की असल वजह रिश्वत न देना बताई जा रही है।
कड़ी कार्रवाई की मांग
किसानों और स्थानीय संगठनों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, सरकार से प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने का आग्रह किया गया है ताकि किसानों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष न करना पड़े।
सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए किसानों का विश्वास बहाल करना होगा, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।