बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर से प्रतिबंध हटने की संभावना, एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार के बाद राहत की उम्मीद
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण स्तर में सुधार के संकेत मिलते ही बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर लगाए गए प्रतिबंध हटने की संभावना बढ़ गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण स्तर को देखते हुए प्रतिबंधों में ढील देने की अनुमति दी है।
प्रदूषण में गिरावट के संकेत
गुरुवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार देखने को मिला है। इसे देखते हुए CAQM जल्द ही वाहनों पर प्रतिबंध हटाने को लेकर कोई फैसला ले सकता है। गौरतलब है कि GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चौथे चरण के तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
प्रदूषण संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को GRAP के चरण 2 के तहत प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक लागू करने को कहा है। साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया कि GRAP के चरण 3 के कुछ प्रतिबंधों को आवश्यकतानुसार बरकरार रखा जाए। इससे पहले CAQM ने अदालत को बताया था कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होने के बाद भी, कुछ प्रतिबंधों को बनाए रखने की योजना है।
कब लागू हुआ था प्रतिबंध?
दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर 15 नवंबर से प्रतिबंध लागू किया गया था। इस दौरान पुराने उत्सर्जन मानकों वाले निजी और वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही पर रोक थी। हालांकि, सीएनजी, इलेक्ट्रिक वाहनों और आवश्यक सेवाओं के वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई थी।
वाहन मालिकों के लिए सावधानी
CAQM ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि GRAP के दूसरे चरण के तहत कौन से प्रतिबंध बरकरार रहेंगे। वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे अभी भी नियमों का पालन करें और BS-3 पेट्रोल या BS-4 डीजल वाहन न चलाएं। इन वाहनों के उपयोग पर 20,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, प्रदूषण प्रमाणपत्र न होने पर अतिरिक्त 10,000 रुपये का जुर्माना भी लग सकता है।
आगे की कार्रवाई पर नजर
CAQM की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यदि AQI में सुधार की यह स्थिति बरकरार रहती है, तो बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर से प्रतिबंध हटने की उम्मीद की जा सकती है।