जेवर एयरपोर्ट पर आज पहली फ्लाइट की लैंडिंग: ट्रायल के बाद 2025 में शुरू होंगी उड़ानें
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) पर आज सोमवार को पहली बार विमान लैंड करेगा। यह फ्लाइट दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरकर 10 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंचेगी। सफल लैंडिंग के साथ, ट्रायल की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। एयरपोर्ट का वाणिज्यिक संचालन 17 अप्रैल 2025 से शुरू होने की योजना है।
पहली लैंडिंग: एतिहासिक क्षण
जेवर एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन (Christoph Schnellmann) ने बताया कि यह पहला मौका है जब एयरपोर्ट पर विमान लैंड करेगा। यह विमान रनवे पर उतरने से पहले करीब डेढ़ घंटे तक आसमान में उड़ान भरते हुए सुरक्षा और तकनीकी जांच करेगा। इस ऐतिहासिक दिन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
ट्रायल के लिए मिली मंजूरी
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ट्रायल के लिए हरी झंडी दे दी है। ट्रायल प्रक्रिया के तहत रनवे, लाइटिंग सिस्टम, और सुरक्षा उपकरणों की जांच की जाएगी।
नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया,
“डीजीसीए की अनुमति के बाद, आज से ट्रायल शुरू हो रहा है। सफल लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट के संचालन के लिए एयरोड्रोम लाइसेंस का आवेदन किया जाएगा।”
टेक्निकल डेटा रिकॉर्डिंग
ट्रायल फ्लाइट सुरक्षा और तकनीकी डेटा रिकॉर्ड करेगी, जिसमें रनवे की परफॉर्मेंस, कम्युनिकेशन सिस्टम और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की जांच शामिल है। यह डेटा डीजीसीए को भेजा जाएगा, ताकि एयरपोर्ट के पूर्ण संचालन के लिए आवश्यक मानकों को पूरा किया जा सके।
अप्रैल 2025 से वाणिज्यिक उड़ानों की शुरुआत
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का वाणिज्यिक संचालन 17 अप्रैल 2025 से शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में यहां से 25 घरेलू और तीन अंतरराष्ट्रीय रूटों पर फ्लाइट्स चलाई जाएंगी। साथ ही दो कार्गो फ्लाइट्स भी यहां से उड़ान भरेंगी।
एयरपोर्ट की विशेषताएं
- रनवे: 3.9 किलोमीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।
- तकनीकी सुविधाएं: कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित।
- लैंडिंग सिस्टम: इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) पहले ही टेस्ट किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश को नई उपलब्धि
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से उत्तर प्रदेश दुनिया के नक्शे पर एक नई पहचान बनाएगा। यह एयरपोर्ट एशिया के सबसे बड़े और आधुनिक एयरपोर्ट में से एक होगा।
जेवर एयरपोर्ट पर पहली लैंडिंग के साथ, यूपी के विकास में एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।